जिस डाली पे बैठे वही काटो -लघु कहानी
बैठो ओर डाली काटो ज्ञानियों के काम
लोभ वस ओखली में सर देना महाज्ञान का प्रमाण
छोटी कहानियां
1.
डाली पर बैठे और उसी को काट रहे व्यक्ति को देख जब समय ने कहा कि नीचे गिरेगा पिछवाड़ा टूटेगा तो व्यक्ति ने जवाब दिया कि क्या तू मुझे डाली काटने में जो मजा आ रहा ह वो दे सकता है।समय बोला मजा या पिछवाड़ा चुनाव आपको करना है।थोड़ी देर में डाली टूट गई।समय दुबारा आकर बताता है दर्द सहने का अभ्यास करो नजदीक कोई अस्पताल नहीं है।
2.कैसा जमाना आ गया लोग चौमासे में टूटी छत को छोड़ बहार भीग रहे मूसल की ज्यादा चिंता करते हैं।बिल्ली तो जानवर है हंडिया चाटते चाटते हंडिया में सर फसा लेती है और आखिर में सर बचाने में हंडिया टूट जाती है यानी थोड़ी मूर्खता में एक निश्चित हानि ।पर मूर्ख इंसान जो ज्ञानी बनता है प्रैक्टिकल कर्ता है लोहे के बर्तन के साथ यही अब उसके सिर का क्या होगा भगवान जाने।
सीख -पहली कहानी-वैसे तो आज के युग मे आपको जरूरत है नहीं पर फिर भी मेरा काम बताना है। इंसान स्वार्थी है लेकिन बड़े स्वार्थ के लिए छोटा इग्नोर करना चाइये बुद्धि पेड़ के पास भी है पर जब आप उसको काट ही दोगे तो पेड़ नीचे पड़के आपको लपकेगा नहीं।
2.प्रैक्टिकल से पहले किताबी ज्ञान और लाभ हानि देख लेनी चाइये।ऐसा न हो आपके लोभ में हंडिया सर में फसी ही रह जाये और उसको निकालने का समाधान न मिले।
विकास तंवर खेड़ी:सर्व अधिकार सुरक्षित
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