खूंखार बकरी :+) शॉट स्टोरी

खूंखार बकरी:  शॉर्ट स्टोरी;
उसे दौरो आते थे खूंखार होने के वो पहली बकरी थी जिसकी हकिकत और एक्टिंग में कोई फर्क नहीं कर पाया। और ललक थी कुछ कर दिखाने की। बकरियों की महफिल में अक्सर सेर को ललकारती थी। लेकीन उसकी आवाज दबा दी जाती थी। लेकीन आज उसकी कब्र पर लाखों बकरी सीस झुकाती हैं।उसकी शहादत वादियों में गूंजायमान है।

 वो दुनियां के सबसे दुधारू कुल में पैदा हुई इंटेलीजेंट जानवर थी नाम था मैडम कोटूू  (कोटो फाड़खाउन) नाम से ही मालूम होता था की बकरियों की जाती की वो शंहशाह रही होगी। रोब एसा की एस. पी  भी हिल जाए लेकीन जंगल में एसपी होता नही ह ना_ बदकिस्मत जंगल। 

वो पहाड़ की चोटी पे हरा घास चरने गई। शेर की मांद के ठीक उपर। घास डरते हुए खाया । और उसे नसा सा हो गया खाने के बाद नींद आती ही है।उसे पता था शेर बूढ़ा हो गया है सो रहा है फटका भी नहीं लेता। और शेर नींद में है। लेकीन उसे तो अपनी हवा बनानी थी।

उसने घोषणा की की वो महान बकरी है।वो दुनियां को दिखा देगी बकरियों में भी जबर कलेजा होता है। उसने दांत रगड़े जैसे कोलगेट की एड करना चाहती हो। और हिंदी फिल्मों के हिरो धर्मेंद्र के तथा कथित डाई लॉग बोले  मांद के ऊपर चढ़
" शेर के बच्चे, मां कसम मैं तेरा खून पी जाऊंगी"। उसे पता था शेर को ये सब नहीं सुनना।
  लेकीन ये क्या जोश में उसका पैर फिसल गया।
लेकीन ये क्या वो पहाड़ से ठीक नीचे गिरी जहां शेर बैठा राम नाम की माला जप रहा था की जल्द ही सकाहार वर्त ले लूंगा बूढ़ा जो हो चला था।लेंकिन ये क्या शिकार मुंह में ही आ गिरा शेर ने साढ़े तीन kg लार टपका दी।। कोटू पसीनों में तरबतर थी।बकरी चिल्लाई "भगवान के लिए मुझे छोड़ दो, नहीं शेर भैया प्लीज़ छोड़ दो, मैं अपने सब्द्द वापिस लेती हूं" मैंने गलती से कह दिया आपका इतने महान आदमी का गाढ़ा और कड़वा खून मुझे क हा पचेगा मेरा मेरे बदनसीब की क्या ओकात। शेर ने कहा कौनसे शब्द । मैं सिर्फ़ इतना जनता हूं तुम मेरी सीकार हो। बकरी के मुंह से सिर्फ़ मैं,,, मैं,,, मैं शब्द निकला जिसका अर्थ था सॉरी माफ करना। लेकीन इससे पहले शेर उसकी हड्डियां चाट कर चुका था।

कहानी:विकास तंवर खेड़ी।

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