पिछले कुछ दिनों से जब मैने महेन्दरगढ़ का इतिहास पढ़ा और जानने की इच्छा हुई तो कुछ ऐसे महत्वपूर्ण तथ्य सामने आये जो जान कर मेरी आँखे खुली रह गई । असल मे मेरी इच्छा मेरे गांव के इतिहास को जानने की थी मैने काफ़ी कुछ पढ़ा था मेरे गाँव के बारे मे इस के इतिहास के विषय मे जितना मै या गांव के लोग आमतौर पर जानते हैँ यहाँ मैं ज्यादा नहीं लिख पाया विस्तार से आप अगले लेख पढ़ कर समझ पाएंगे। जहाँ तक लोग जानते हैं तंवरा वटी से आये 2राजपूत सरदारों ने खुडाना और खेड़ी गांव बसाये थे. कहा जाता है की खुडाना को पहाड़ की खोद मे बसाया गया था और खुडाना बसाने वाले सरदार खेड़ी वाले तंवर सरदार के बड़े भाई या चाचा कुछ थे क्योंकि वो आयु मे खेड़ी वालों से बड़े थे आज भी खुडाना गांव को बड़े का दर्जा खेड़ी गांव की तरफ से मिला है. खुडाना मे माता चिलाय या कहें की शीतला माता जी का भी मंदिर है जो प्राचीन है और तंवर वंश से जुडा है। तंवर या जाटू राजपूत जाती समुदाय का ही एक गौत्र है और खेड़ी तलवाना गांव राजपूतों ने ही बसाया हुआ है। आधुनिक खेड़ी की नीव करीब 700साल पहले पड़ी थी जब राजस्थान से आये राजपूतों ने इसे बसाया था.।लेकिन इसका ...
Kheri talwana: सबसे तेज गति से विकसित होता गांव: जहां का युवा है, राजनीति से दूर और जागरूक। जहां हर युवक है गांव के विकास के प्रती समर्पित। जहां युवा हर हफ्ते इक्कठा होकर लेते हैं। ग्राम विकास हेतु कार्य करने की सपथ। जहां रोज सुबह स्वास्थ रक्षा हेतु और आर्मी में भर्ती हेतु दोडता है युवा। विकास की ओर तेज गति से बढ़ता गांव बन रहा है खेड़ी #वीर सैनिकों की भूमि #वीर भूमि खेड़ी तलवाना। जहां के सैनिकों के बलिदानों का गवाह है हर युद्ध। बरसों से सबसे ज्यादा सैनिक देने वाला गांव है खेड़ी तलवाना। वीर राजपुत योद्धाओं की रण गाथाओं से भरा है जिसका इतिहास। #खेड़ी तलवाना गांव है सैनिकों की वीरता के लिए मशहूर। #खेड़ी तलवाना : जहां माताएं अपने बच्चों को देता हैं देश धर्म पर मर मिटने की सीक्षाएं। सुविधाएं 1.पावर हाउस, पेट्रोल पंप,बड़े तालाब 2. बैंक 3. पानी की डिग बूस्टिंग हाउस अच्छे पेयजल की आपूर्ति नहरी और कुओं द्वारा। 4. चंडीगढ , जयपुर से कनेक्टिविटी कदमों में। नेशनल हाइवे। 5. फूल मोबाइल नेटवर्क। 6. शांत वातावर्ण कोई उधोगीकरण नहीं। 7. गणपति युवा क्लब और ग्रामीण...
# #विकास तंवर खेेेेडी ढूंढ रहे हो जिसका उत्तर, कोसिस ह जो पाने की, समय देगा उत्तर, इन्तजार करो, सही घड़ी के आने की, बस में है तो मेहनत करना, और कहीं नहीं जाने की, ढूंढ रहे हो बाहर में जिसको, जिसके बल पे बल पाने की, वो रास्ता खुद के अंदर ह, क्या जरूरत उसे ढूंढवाने की, पूछ रहे हो प्रश्न खुद से खुद को पार लगाने की, सही राह है यही प्यारे अपनी मंजिल तक जाने की, खुद को जानो सबसे पहले, फिर कोसीस करो कुछ कर दिखाने की। कविता:विकास तंवर खेडी
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